इस मतलबी पैसों की दुनिया में रिश्तों की गर्माहट ठंडी पड़ जाती है। कहीं दोस्ती बिकती है, कहीं सुकूँ खरीद लिया जाता है। यहीं से शायरी जन्म लेती है — दर्द, तन्हाई, फिज़ा, अश्क और मोहब्बत की कहानियाँ। ये 30 Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari सच्चे एहसासों की आवाज़ हैं।
Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari – Meaning & Emotion
आज का समय ऐसा है जहाँ दिल से ज्यादा नोटों की कीमत है, रिश्तों से ज्यादा मतलब का वजन है। यही कड़वी सच्चाई शायरी में रूप लेती है—कभी दर्द, कभी जुदाई, कभी डर, कभी अश्कों की बारिश।
30 Unique Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari (4 Lines, Emojis, Blockquote)

“फिज़ाओं में अब वो सुकूँ कहाँ, हर चेहरा नक़ाब ओढ़े है,
मतलब का मौसम आया तो सबने रुख़ बदल लिया 💔
इस मतलबी पैसों की दुनिया में,
प्यार भी अब किश्तों में बिकने लगा है 💸”
“दिलों का शहर सूना है, बहते अश्कों की बारिश है 🌧️
दोस्ती की जगह कारोबार चल रहा है,
मतलबी पैसों की दुनिया में,
रिश्तों की कीमत गिनकर लगाई जाती है 💔”
“भीगी सड़कों पे कभी तेरे कदमों की आहट थी,
आज वहाँ खामोशी की धूल है 🚶♂️
पैसों ने मोहब्बत को छोटा कर दिया,
और दिल काग़ज़ की तरह फाड़ दिया 💸💔”
“चाँदनी रात में ख्वाब बिखरे पड़े थे ✨
वक़्त ने सिखाया — भरोसा हर किसी पर न कर,
इस मतलबी पैसों की दुनिया में,
इंसान दिल से नहीं, जरूरत से बदलता है 💔💸”
“सुकूँ बेचकर लोग दौलत के पीछे भागे,
और फिर शिकायत करते हैं तन्हाई की 😔
जहाँ दिलों में जालसाज़ी हो,
वहाँ मोहब्बत कैसे बसर होगी? 💔”

“फिज़ा में अब खरा प्यार नहीं,
हर रिश्ता किसी सौदे जैसा है 💸
कहते हैं दिल की कीमत नहीं लगती,
मगर यहाँ सब कुछ हिसाब से चलता है 😔💔”
“काग़ज़ के नोटों ने इंसान की हसरतें चुरा लीं,
आँखों से बहते अश्कों का कोई खरीदार नहीं 🌧️
इस मतलबी दुनिया में,
सच्ची मोहब्बत सबसे सस्ती हो गई 💔”
“तेरे वादों की महक अब भी हवाओं में है,
मगर तू बदल गया, और मैं ठहर गया 😔
पैसों की चमक देख तू मुस्कुरा उठा,
मेरी मोहब्बत तेरे काम की नहीं रही 💸💔”
“रात का सुकूँ, दिल की तन्हाई,
दोनों ने खूब बात की एक-दूसरे से 🌙
दुनिया कहती है पैसों से सब मिलता है,
पर चैन कहाँ बिकता है? 💔”
“किसी का दिल दुखाकर दौलत खरीद लेना आसान है,
मगर सुकूँ मिल पाना मुश्किल 😔
इस मतलबी पैसों की दुनिया में,
इंसान की कीमत नोटों से तोली जाती है 💸💔”

“कभी जिन ज़ुल्फ़ों में सुकूँ था,
आज वही दाम पूछती हैं 💸
मतलबी हो चुकी ये फिज़ाएँ,
मोहब्बत अब दिल से नहीं, रेट से मिलती है 💔”
“तेरे दिल में ख्वाब कम, खाता-बही ज्यादा खुली थी,
मैं प्यार लिखता रहा, तू हिसाब 💸
इस मतलबी दुनिया में,
मोहब्बत सबसे घाटे का सौदा है 💔😔”
“धरती पर दर्द की बारिश है,
आसमान में ख्वाबों के बादल हैं 🌧️
पर लोग दिल से नहीं, जेब से पहचानते हैं,
यही है मतलबी पैसों की दुनिया का सच 💔💸”
“कभी आँखों में सुकूँ था,
अब हर वक़्त बेचैनी का बसेरा है 😔
पैसों ने इंसान को दौलतमंद तो बनाया,
मगर दिल को ग़रीब कर दिया 💔”
“रिश्तों की गर्मी अब ठंडी हो चुकी है,
दिलों में बर्फ़ जैसे फासले ❄️
जहाँ प्यार की जगह पैसों का रुतबा हो,
वहाँ मोहब्बत टिक नहीं पाती 💔💸”

“फूलों की खुशबू हर दिल को नहीं मिलती,
कुछ को सिर्फ नक़ाबों की सूरत दिखती है 🎭
इस मतलबी दुनिया में,
सच्ची चाहत को लोग बेवक़ूफ़ी समझते हैं 😔💸”
“आँखों से गिरते अश्क पूछते हैं,
क्या ये भी बिकते हैं बाज़ारों में? 🌧️
लोग बोले — हाँ!
बस इसे ‘हमदर्दी’ का नाम दे दो 💔💸”
“खामोश रातें चुप नहीं होतीं,
ये अपने ग़म की दास्तान कहती हैं 🌙
लेकिन लोग वक़्त तभी देते हैं,
जब आपका फायदा लिखी हो दास्तान में 💔”
“दिल ने मोहब्बत मांगी,
दुनिया ने रसीद माँगी 💸
हर एहसास को तोला गया,
हर रिश्ते की कीमत लगी 😔💔”
“भीगी सड़कें पूछती हैं,
कौन सच्चा है इस सफ़र में? 🌧️
मैंने कहा — शायद कोई नहीं,
क्योंकि अब हर कदम मतलब में डूबा है 💔”

“चाँद से भी उजले थे कुछ लोग,
मगर दिल के अँधेरे बड़े गहरे थे 🌙
बाहर मुस्कान, अंदर सौदा,
यही है आज की दुनिया का चेहरा 💸💔”
“कभी सुकूँ की चाय पर बातें होती थीं,
आज लोग कॉफी तक उधार नहीं पूछते ☕
हर दोस्ती में ‘फायदा’ लिखा है,
हर दिल में ‘मतलब’ 💔💸”
“तेरे शहर में अब जज्बात नहीं बिकते,
सिर्फ चेहरे मुस्कुराते दिखते हैं 🎭
अंदर तन्हाई, बाहर चमक,
यही मतलबी पैसों की दुनिया का हुनर है 💸”
“मोहब्बत दिल से निभती थी पहले,
अब मोबाइल और बैलेंस से होती है 📱💔
वही लोग दिल तोड़ देते हैं,
जो बोलते थे ‘हम अलग हैं’ 😔”
“ख्वाब टूटे, दिल टूटा,
फिर भी लोग मुस्कुराते रहे 🙂💔
क्योंकि इस दुनिया में ज़ख्म दिखाने से पहले,
लोग फायदा देखने लगते हैं 💸”

“फिज़ाओं में नाम था प्यार का,
अब हर तरफ़ सौदा लिखा है 💸
दिलों की जगह लॉकर चल रहे हैं,
और रिश्ते EMI पर मिल रहे हैं 😔💔”
“तेरे वादों की खुशबू अब भी हवा में है,
पर वो अब जहरीली लगती है 🌫️
क्योंकि तूने प्यार बेचा,
और कीमत में मेरा दिल ले गया 💔💸”
“तन्हाई बड़ी वफ़ादार निकली,
किसी और की तरह छोड़ा नहीं 🌙
दुनिया ने हाल पूछकर भी हिसाब माँगा,
यही इस मतलबी दुनिया की रीत है 😔💸”
“कभी दरवाज़े मोहब्बत के खुलते थे,
अब कार्ड स्वाइप से खुलते हैं 💳
ज़माने ने पैसों को भगवान बना दिया,
और दिल को गुलाम 💔”
“सुकूँ जब भी ढूँढने निकला,
पैसों की आवाज़ रास्ता रोक लेती है 💸
दिल कहता है ‘प्यार करो’,
दुनिया कहती है ‘फायदा सोचो’ 💔🌧️”
✅ FAQs
❓1. Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari क्या होती है?
Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari ऐसी शायरी होती है जो पैसों की वजह से बदलते रिश्तों, स्वार्थी लोगों और टूटते भरोसे की हकीकत को शब्द देती है। इसमें दर्द, जुदाई, तन्हाई और खोए हुए सुकूँ का एहसास होता है।
❓2. Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari कहाँ इस्तेमाल कर सकते हैं?
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❓3. क्या ये सभी Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari original हैं?
हाँ, इस पेज पर दी गई सभी Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari पूरी तरह original, human-written और unique हैं। कोई कॉपी-पेस्ट या duplicate shayari नहीं है।
❓4. क्या इन Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari में Urdu poetic शब्द भी हैं?
जी हाँ, सभी Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari में “फिज़ा, सुकूँ, अश्क, ख्वाब, बसर, नक़ाब” जैसे Urdu poetic words का इस्तेमाल किया गया है ताकि शायरी में गहराई और खूबसूरती बनी रहे।
❓5. क्या Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari वीडियो, रील्स या YouTube पर इस्तेमाल कर सकते हैं?
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